एक समय अपने ही देश पाक ने दिया था धोखा अब अकेले सिकंदर रजा बने पाक के विलेन,जानिए सिकंदर की पूरी कहानी?

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2010

किसी ने क्या खूब कहा है कि सफलता की चाह में ठोकरे आती है, लेकिन जो गिरकर संभलता है एक न दिन वही इतिहास बनाता है.. और waise भी जिसके नाम में सिकंदर हो हार दूर दूर तक उसके आसपास भी नहीं भटकती है.. जिंबाब्वे क्रिकेट टीम में एक ऐसा ही शख्स है जिसका नाम है सिकंदर रजा.. जो किसी भी मुकाबले को पलटने की क्षमता रखता है और कहीं से भी टीम को जीत दिलाने का माद्दा रखता है..

मूल रूप से पाकिस्तान में जन्मे सिकंदर ने हाल ही में वर्ल्ड कप के स्टेज पर पाकिस्तान को ही हराकर काफी सुर्खियां बटोरी है.. 24 अप्रैल 1986 को पंजाब के सियालकोट में जन्मे रजा का बचपन खेल कूद में नहीं बिता, क्यूंकि काफी छोटी उम्र से ही सिकंदर का गोल एक फाइटर पायलट बनने पर टिक चुका था..जिसके वजह से पाकिस्तानी भाषी कश्मीरी परिवार में जन्मे सिकंदर ने पाकिस्तानी वायु पब्लिक स्कूल लोअर टोपा में ऐडमिशन लिया लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, बदकिस्मती से तीसरे सत्र के दौरान एक eye टेस्ट की medical में फेल होने के कारण उन्हें कॉलेज छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा..

इसी दरम्यान साल 2001 में पूरे परिवार के साथ सिकंदर सियालकोट से जिंबाब्वे शिफ्ट हो गए और फिर उन्होंने स्कॉटलैंड में जाकर ग्लास्गो केलेडोनियन यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर में बैचलर की डिग्री हासिल की, उसी समय उन्होंने प्रोफेशनल क्रिकेट शुरू किया और वहां पर खेलने के क्रम में अपनी काबिलियत और क्षमता का एहसास किया.. लेकिन यहां से क्रिकेट में करियर बनाने के लिए उनके सामने सिर्फ Zimbabwe की नागरिकता हासिल करने की लड़ाई थी जो उन्होंने साल 2011 में भी जीत ली..फिर क्या था पहले लिस्ट A क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने अपना जलवा बिखेरा.. और फिर एक के बाद एक शानदार परफॉर्मेंस के चलते सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए..

Zimbabwe के नागरिक बन चुके सिकंदर राजा को 3 मई 2013 को जिंबाब्वे के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ओडीआई में डेब्यू का मौका मिला हालांकि पहले मैच में नंबर 3 पर आने के बावजूद उनके बल्ले से केवल 3 रन निकले, इसके ठीक 8 दिन बाद इस खिलाड़ी ने अपना T20 डेब्यू भी किया और फिर उसी साल 3 सितंबर 2013 को उनके पुराने निवास पाकिस्तान के खिलाफ ही उनका टेस्ट डेब्यू हुआ.. 2011 के वर्ल्ड कप में भी सिकंदर राजा का नाम नेशनल साइड में डाला गया था लेकिन फाइनल टीम में वह जगह जगह बनाने से चूक गए थे.. लेकिन इस रिजेकशन के बाद जब उन्होंने वापसी की फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.. एक से बढ़कर एक मैच विनिंग परफॉर्मेंसेस दिए और जिंबाब्वे क्रिकेट के स्तम्भ के रूप में raza ने अपनी पहचान कायम कर ली.. और यह साल तो इस खिलाड़ी के लिए एक ड्रीम ईयर बन चुका है… जहां पर पहले अपने घर पर इन्होंने बांग्लादेश और भारत के खिलाफ लगातार रनों का अंबार खड़ा किया और फिर वर्ल्ड कप के स्टेज पर पाकिस्तान में जन्मा खिलाड़ी पाकिस्तान पर ही भारी पड़ गया.. और मजे की बात तो यह है कि इस खिलाड़ी ने बल्ले की बजाए गेंद से ही पाकिस्तान को हार का स्वाद चखा दिया है.. 4 ओवरों में केवल 25 रन देकर तीन विकेट और रजा के इस स्पेल ने उन्हें एक ऐसा मुकाम दिलाया है जिसकी चर्चा आज पूरा क्रिकेट जगत कर रहा है….

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