भारतीय टीम के दो पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली के कार्यकाल के दौरान कई खिलाड़ी ऐसे हुए जिन्होंने अपने डेब्यू के बाद से अबतक इंडियन टीम में काफी नाम कमाया है फिर चाहे वह Ravindra Jadeja हो, Jasprit Bumrah हो, hardik pandya, रिषभ पंत या फिर kl rahul हो सभी के सभी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सक्सेस पाई है पर इसी दौरान कई ऐसे deserving खिलाड़ी भी थे जिन्हें उतनी बैकिंग नहीं मिली और वह कहीं न कहीं पीछे छुट गए और उनका करियर एक तरह से बर्बाद हो गया… तो आइये दोस्तों इस वीडियो में हम बात करते हैं ऐसे तीन खिलाड़ियों के बारे में जिनपर ना तो धोनी और ना ही विराट ने अपना भरोसा दिखाया और ज्यादा मौके नहीं दिया जिसके चलते बेंच पर ही बैठे-बैठे उन खिलाड़ियों का कैरियर खत्म हो गया..
1.मनोज तिवारी
इस लिस्ट में सर्वप्रथम नाम बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी का आता है ऐसे काफी कम खिलाड़ी भारत में हुए हैं जिन्होंने अपने आखिरी एकदिवसीय मुकाबले में शतक लगाया हो बावजूद इसके उन्हें इसके बाद कभी खेलने का मौका ना मिला हो पर तिवारी उन बदकिस्मत खिलाड़ियों में शामिल है जिनके साथ ऐसा हुआ है.. मनोज तिवारी घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम है उन्होंने इस लेवल पर काफी शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में ज्यादा मौके नहीं दिए गए.. धोनी की कप्तानी में मनोज ने सिर्फ 12 वनडे और तीन टी-20 मुकाबले खेले.. उसमें उन्होंने अच्छाई प्रदर्शन किया अपने आखिरी मुकाबले में इस खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर का पहला शतक भी जड़ा था लेकिन इसके बाद ना तो धोनी की कप्तानी में उन्हें मौके मिले और ना ही जब विराट ने कप्तानी संभाली तूने वापस से टीम में लाने का प्रयास किया… और आज इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और फिलहाल राजनीति में अपने हाथ आजमाने में लगे हुए हैं…
2.मनीष पांडे
इसी सूची में दूसरा नाम उस खिलाड़ी का आता है जिसने लगभग विराट कोहली के साथ ही अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत की थी.. जब विराट ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब अपनी कप्तानी में जीता था या खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा था और तो और आईपीएल के इतिहास में भारत से सबसे पहला शतक लगाने वाला भारतीय बल्लेबाज और ऑस्ट्रेलिया में जाकर इस खिलाड़ी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक जड़ा था लेकिन आज दूर-दूर तक या खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है.. दोस्तों हम बात कर रहे हैं मनीष पांडे की इंटरनेशनल आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए 24 वनडे मुकाबले खेलते हुए 33 पॉइंट 20 की औसत से 566 रन और टी-20 के 33 मुकाबलों में 44 की औसत से 709 रन बनाए हुए हैं लेकिन काबिलियत का भंडार होने के बावजूद पांडे को उस तरह से Management की बैकिंग नहीं मिली जो शायद कई दूसरे खिलाडियों को दी गई और यही वजह है कि ज्यादातर समय इस बल्लेबाज का करियर बेंच पर बैठे-बैठे ही खत्म हो गया…
3.अमित मिश्रा
वही इस लिस्ट में आखरी नाम उस खिलाड़ी का है जो भारत के स्टार स्पिन गेंदबाजों में शामिल है.. अगर टीम इंडिया के स्टार स्पिनरों की बात की जाए तो उसमें से एक नाम लेग स्पिनर अमित मिश्रा का भी आता है.. साल 2013 में डेब्यू करने वाले मिश्रा ने जब साल 2017 में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था तो उस मुकाबले में वह प्लेयर ऑफ द मैच बने थे पर इसके बाद जो हुआ वह किसी को समझ नहीं आया.. अगले सीरीज के लिए अमित मिश्रा को शामिल नहीं किया गया और इसके बाद धीरे धीरे यह खिलाड़ी भारत की की स्कीम of थिंग्स से बाहर ही हो गया.. Mishra ने कुल 22 टेस्ट मैच खेला इस दौरान 76 विकेट झटके वही 36 odi मुकाबलों में 64 विकेट भी अपने नाम किए वही 10 t20I में भी 16 बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाने में कामयाबी हासिल की लेकिन बावजूद इसके कई नए और युवा नामों के आगे अमित मिश्रा का नाम टीम से गायब हो गया और उनका करिअर ज्यादा लम्बा न चल सका…