हार्दिक-द्रविड़ की चालबाज़ी से गयी क्यूरेटर की नौकरी,खुद टीम इंडिया ने बनवाई थी खराब पिच,हुआ चौकाने वाला खुलासा

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भारत न्यूजीलैंड के बीच 29 जनवरी को खत्म हुए दूसरे टी-20 मुकाबले के बाद बीसीसीआई और इंडियन टीम पर काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बीते रविवार को खेले गए मुकाबले में लगभग सभी बल्लेबाजों ने ही फ्लॉप शो दिखाया था. लखनऊ की स्पिन होती पिच पर सभी बल्लेबाजों ने अपने घुटने टेक दिए थे.

T20 के लिए खराब पिच पर मुकाबला करवाने के चलते बीसीसीआई को फैंस ने आड़े हाथों लिया. फैन्स ने क्रिकेट बोर्ड को जमकर फटकार लगाई. इसके परिणाम स्वरूप बीसीसीआई ने लखनऊ के पिच क्यूरेटर को ही बर्खास्त कर दिया. लेकिन अब एक अलग कारण से फैन्स बोर्ड के इस फैसले से खुश नहीं हैं और उनसे तरह-तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं.

बता दें लखनऊ के एकाना स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी-20 मुकाबले में दोनों टीमों के बल्लेबाज फिसड्डी साबित हुए. जहां इस मुकाबले में टॉस जीतकर कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 100 रन का मामूली-सा लक्ष्य निर्धारित किया. जवाब में भारतीय टीम को 100 का पीछा करने में भी लोहे के चने चबाने पड़ गए. स्पिन ट्रैक पर भारतीय बल्लेबाजी भी डीरेल हो गई. जैसे तैसे करके भारत ने किसी तरह आखिरी ओवर में मुकाबले को अपने नाम किया.

गौरतलब है कि लखनऊ की इस पिच पर बल्लेबाजों द्वारा एक भी छक्का नहीं जड़ा गया. और हर तरफ से जब लखनऊ की पिच को लेकर सवाल किए गए तब बोर्ड ने क्यूरेटर को ही बर्खास्त करने का फैसला किया है.
हालांकि, फैंस बोर्ड के इस निर्णय से खुश नहीं हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय टीम पर ही सवाल खड़े किए.

दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ की पिच को अंतिम समय पर बदलने की गुजारिश इंडिया की तरफ से ही की गई थी. मुकाबले से पहले क्यूरेटर ने काली मिट्टी से ही विकेट तैयार किया था. लेकिन पहले मुकाबले के बाद बोर्ड ने इस पिच को लाल मिट्टी की पिच बनाने का आदेश दिया जिसके बाद विकेट को बदला गया.

दरअसल, रांची में काली मिट्टी की पिच पर खेले गए पहले मैच में गेंद ज्यादा टर्न ले रही थी. बाद में ड्यू होने के बाद भी स्पिनर्स को काफी मदद मिली और भारतीय टीम दूसरी पारी के दौरान 9 विकेट पर 155 रन ही बना सकीं. परिणामस्वरूप भारत के हाथों हार लगी. संभवतः इस हार के बाद टीम इंडिया ने क्यूरेटर से लखनऊ में लाल मिट्टी की पिच बनाने को कहा था. ऐसे में फैंस का मानना है कि पिच क्यूरेटर की इसमें कोई गलती नहीं है. क्योंकि उसने वही किया जो उससे bcci और इंडियन टीम ने करने को कहा.

BCCI

आपको बता दें कि लाल मिट्टी की पिच स्पिनर के मुकाबले तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रहती है. क्योंकि ऐसी विकेटों पर गेंद को ज्यादा गति और उछाल मिलता है. जबकि काली मिट्टी की पिच पर गेंद थोड़ा फंसकर आती है. इसलिए इससे स्पिनर्स को मदद मिलती है. ऊपर से इन पिचों पर असमान उछाल भी देखने को मिलता है.

यही कारण है कि इस तरह की पिच पर टी20 क्रिकेट भी कम खेला जाता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रांची में स्पिन फ्रेंडली पिच पर संघर्ष करने वाली टीम इंडिया काली मिट्टी की पिच से घबरा गई थी! शायद तभी लखनऊ में पिच बदलने की मांग की गई थी.

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