5 मौके जब देश के लिए खिलाडियों जान की बाजी लगा दी,जज्बे को आप भी ठोकेंगे सलाम

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क्रिकेट लोगों के खून में काफी अंदर तक बसा हुआ है. टीम के खिलाड़ी मैच जिताने के लिए अपनी जान को जोखिम में भी डाल देते हैं. आज हम उन्हीं 5 खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर मैच जिताये. इनमें से 2 भारतीय भी शामिल है.

बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मुकाबले में मिली 5 रन से हार के बावजूद रोहित शर्मा की तारीफ हो रही है. रोहित शर्मा ने चोट के बावजूद भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचाया. उन्हीं की तरह हम पांच खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने मैच जिताने के लिए अपनी जान को भी जोखिम में डाल दिया.

अनिल कुंबले

अनिल कुंबले भारत के फिरकी गेंदबाज है जो साल 2002 में तेज गेंदबाज मर्व डिललं की गेंद पर घायल हो गए थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में अनिल कुंबले का बल्लेबाजी करते समय गेंद लगने से जबड़ा टूट गया. इसके बावजूद अनिल कुंबले ने बल्लेबाजी की.

ग्रीम स्मिथ

साल 2008 में सिडनी के मैदान पर साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ अंतिम टेस्ट को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टूटे हाथ से बल्लेबाजी करने के लिए आए. हालांकि इस मैच में साउथ अफ्रीका हार गया लेकिन उनके प्रयास की सराहना हर कोई कर रहा है.

ब्रेट ली

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने साल 2011 में भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान अपने आप को घायल कर दिया था. ब्रेट ली चौका लगाने के चक्कर में अपने आंखों पर नाखून लगा बैठे जिससे उनका मुंह लहूलुहान हो गया. इसके बावजूद उन्होंने खेलना जारी रखा.

सलीम मलिक

साल 1986 के इस मुकाबले में पाकिस्तान के 9 विकेट गिर जाने के बाद सलीम मलिक ने बाएं हाथ से चोटिल होने के बावजूद दाएं हाथ से आकर बल्लेबाजी की. एक लंबी पारी खेल कर उन्होंने प्रशंसकों का दिल भी जीत लिया.

युवराज सिंह

साल 2011 के वर्ल्ड कप विजेता के हीरो युवराज सिंह ने अपनी जिंदगी एक मैच के दौरान दाव पर लगा दी. 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह कैंसर की बीमारी से ग्रसित होकर भी टूर्नामेंट खेलते रहे. साथी खिलाड़ियों के अनुसार वह मैच में कई बार उल्टी करते थे लेकिन फिर भी उन्होंने भारत को जताने के लिए मैच खेलना जारी रखा.

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