जब से महेंद्र सिंह धोनी ने सन्यास लिया है आज तक भारत आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए तरस रहा है धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को तीनों में आईसीसी ट्रॉफी में जीत दिलाई है 2007 का T20 विश्व कप 2011 का वनडे और 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को चैंपियन बना कर महेंद्र सिंह धोनी ने वह कारनामा किया जिसे आज तक कोई भी भारतीय कर नहीं पाया.
माही ने अपने बल्ले के दम पर भारत को 2011 विश्व कप का फाइनल जीताया था जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया श्रीलंका के खिलाफ उनकी 183 रन की पारी कोई नहीं भूल पाएगा वहीं आईपीएल में थिसारा परेरा की गेंद पर 5 छक्के भी शायद ही कोई भी धोनी का चाहने वाला भुला पाया होगा.
अब उनके ही जैसा एक और बल्लेबाज क्रिकेट की दुनिया में कदम रख चुका है जी हां इस बल्लेबाज ने घरेलू टूर्नामेंट में अपने बदले की आग से गेंदबाजों के मन में दहशत पैदा करके रख दी है किस खिलाड़ी ने एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि लगातार छह शतक जड़ डाले हैं रोहित शर्मा विराट कोहली पृथ्वी शॉ जैसे बड़े-बड़े धुरंधरों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस खिलाड़ी ने अपने बल्ले से सनसनी मचा रखी है.
रोहित शर्मा ने वनडे क्रिकेट में 264 रन की पारी खेलकर सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया और इस बल्लेबाज ने रोहित शर्मा के इस रिकॉर्ड को भी ध्वस्त करते हुए क्रिकेट की दुनिया में भूचाल साला दिया बता दें कि यह बल्लेबाज कोई और नहीं बल्कि चेन्नई के पूर्व बल्लेबाज नारायण जगदीषण (N JADASEESAN) है जिन्हें सीएसके रिलीज कर दिया था अब इस बल्लेबाज ने तूफानी बल्लेबाजी करके घरेलू टूर्नामेंट में आग लगा दी है.
जगदीश ने अपने बल्ले से 6 मैचों में लगातार छह शतक लगाए इस वक्त क्रिकेट जगत में उनकी तूती बोल रही है अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने केवल 141 गेंदों में 277 रनों की एक ऐसी पारी खेली है जिसके बाद तो पूरी दुनिया में उनका नाम अब गूंजने लगा है.
277 रन की पारी में जगदीशन ने एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि कुल 15 खतरनाक छक्के लगाए यही नहीं दोस्तों उन्होंने 25 चौके भी लगाए कुल मिलाकर 190 रन तो उन्होंने बाउंड्री से ही लगा दिया जहां उनका स्ट्राइक रेट 200 के करीब रहा जिस तरीके से इस खिलाड़ी ने घरेलू टूर्नामेंट में तूफानी बल्लेबाजी करके अपने बल्ले का लोहा मनवाया है वह दिन दूर नहीं जब वह भी महेंद्र सिंह धोनी की तरह टीम इंडिया को मुकाबले जीताते हुए नजर आएंगे.