अभी द हंड्रेड लीग खेली जा रही है। इस लीग में मुकाबला100 गेंदों का होता है। 2003 के 18 वे मुकाबले में मैनचेस्टर ओरिजिनल की टीम ने सदन ब्रेव को 68 रनों से धूल चटा दी। मैनचेस्टर की टीम में कप्तान जॉस बटलर के साथ-साथ विस्फोटक बल्लेबाज आंद्रे रसैल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।अभी हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं, कि कैसे आंद्रे रसैल ने अपनी टीम को यह मुकाबला जीता दिया?
इस मुकाबले में मैनचेस्टर की टीम पहले बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आई थी। कप्तान जॉस बटलर ने आते ही मैदान पर खतरनाक बल्लेबाजी का नजारा दिखाना शुरू कर दिया आपको बता दें कप्तान जॉस बटलर ने मात्र 42 गेंदों पर ही 68 रनों की खतरनाक पारी खेल डाली। लेकिन इसके बाद असली तूफानी बल्लेबाजी का प्रदर्शन तो आंद्रे रसेल ने दिखाया। आपको बता दे नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के लिए आए आंद्रे रसैल ने मात्र 23 गेंदों पर ही 64 रनों की नाबाद पारी खेली। जिसमें इन्होंने चौके और छक्कों की बरसात कर के रख दी थी।
इस पारी में आंद्रे रसेल ने छह खूबसूरत चौके और पांच आसमान में लहराते हुए गगनचुंबी छक्के भी जड़े। आंद्रे रसैल और बटलर की खतरनाक बल्लेबाजी की बदौलत ही मैनचेस्टर की टीम 188 रनों के बड़े स्कोर तक पहुंच पाई थी। अब अगर सदर्न ब्रेव की टीम को यह मुकाबला जीतना था, तो मैनचेस्टर की टीम के द्वारा दिए गए 189 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य पार करना था, जिसका पीछा करते वक्त इनकी टीम लड़खड़ाते हुई नजर आई.
आपको बता दें आंद्रे रसैल ने बल्ले के साथ तो तूफान मचाया ही, इसके बाद जब यह गेंदबाजी करने के लिए आए तो इन्होंने एक के बाद एक करके विकेट भी लिए। उन्होंने सदन ब्रेव की टीम के छह बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। जिसके चलते इनको इस मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से भी सम्मानित किया गया सदन ब्रेव की टीम को इस मुकाबले में शुरुआत तो अच्छी मिली थी। लेकिन इनकी टीम का कोई भी बल्लेबाज टिककर बल्लेबाजी नहीं कर पाया। जिसका नतीजा यह हुआ, कि इन की टीम 120 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। और उनकी टीम को 68 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा।