English में एक काफी चर्चित लाइन है.. प्रैक्टिस मेक्स A man परफेक्ट… यानी अभ्यास से ही इंसान बेहतर और perfect बनता है.. पाकिस्तान के खिलाफ दुबई में अर्शदीप सिंह से जो भूल हुई वह एक बीती बात जरूर हो गई लेकिन अपनी गलतियों से सीखने वाला इंसान ही आगे बढ़ता है और 23 साल के युवा गेंदबाज के लिए भी पाकिस्तान का मुकाबला बहुत कुछ सीखने जैसा रहा.. गेंदबाजी तो ठीक है लेकिन मैदान में फील्डिंग करते वक्त एक कैच के क्या मायने होते हैं इसका अंदाजा अब उन्हें लग गया है और यही वजह है कि जहां पर 5 सितंबर को भारत का कोई भी खिलाड़ी अभ्यास के लिए नहीं आया था वहां अर्शदीप अकेले मैदान में न केवल पहुंचे ब्लकि कड़ी अभ्यास में जुट गए… अपनी फील्डिंग और catching पर इस खिलाड़ी ने जमकर मेहनत की और आने वाले मुकाबलों के लिए खुद को बेहतर बनाने का प्रयास किया है…..
आपको बता दें पाकिस्तान के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में मिली हार के बाद अब भारत के लिए फाइनल में पहुंचने की राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो गई है लेकिन नामुमकिन नहीं है टीम इंडिया मंगलवार को श्रीलंका और उसके बाद गुरुवार को अफगानिस्तान के खिलाफ अपने बचे हुए दो मुकाबले खेलेगी और रोहित ब्रिगेड अगर ने बचे हुए दोनों मुकाबले जीत जाती है तो फिर इस रविवार को फाइनल मुकाबले के लिए भारतीय टीम क्वालीफाई कर जाएगी ऐसे में आने वाले मैचों में कोई बड़ी भूल ना हो जाए इसके लिए अर्शदीप सिंह मैदान पर जमकर पसीना बहा रहे हैं और हाई कैचिंग पर घंटों अभ्यास करते हुए पाए गए हैं…
इसमें कोई दो राय नहीं है कि T20 में अर्शदीप सिंह एक बहुत ही शानदार गेंदबाज हैं और उनके पास जो काबिलियत मौजूद है वह उन्हें इस फॉर्मेट में काफी घातक बनाती है लेकिन एक क्रिकेटर के तौर पर आपको फील्ड में भी उतनी ही मुस्तैदी से अपना काम करना होता है और एक चूक भी हार और जीत के बीच की वजह बन जाती है… पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में अर्श को भली भांति इस बात का पता लगा है और शायद यह चीज़ उन्हें आने वाले समय में एक बेहतर क्रिकेटर बनाने में काफी मदद कर सकती है…
बता दे अभ्यास के दौरान अर्शदीप के साथ टीम इंडिया के रिजर्व प्लेयर में शामिल दीपक चाहर भी नजर आए जिन्होंने फील्डिंग और catching practice की.. पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में आवेश खान की जगह दीपक चाहर को ना खिलाने पर भी कई लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी क्योंकि सभी का यही मानना था कि टीम इंडिया को उस मुकाबले में कम से कम 3 प्रॉपर तेज गेंदबाजों के साथ ही मैदान पर उतरना चाहिए था और टीम सिलेक्शन में हुई इस गलती के कारण ही भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा है अब देखना होगा कि अगले मुकाबले में भारतीय टीम की क्या कंबीनेशन होती है लेकिन अब टीम इंडिया के लिए समीकरण बिल्कुल साफ है अपने बचे हुए दो मुकाबले जीतो और फाइनल में जगह बनाओ इसमें से अगर किसी भी मुकाबले में भारतीय टीम चूक जाती है तो फिर एशिया कप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें वही खत्म हो जाएगी..