बीते दिनों टी20 विश्व कप 2022 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. तब इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर और एलेक्स हेल्स की जोड़ी ने बिना विकेट गंवाए 169 रन के टारगेट को 4 ओवर रहते ही पूरा कर लिया. और पहले विकेट के लिए हेल्स और बटलर के बीच रिकॉर्ड 170 रन की साझेदारी हुई. इस शर्मनाक हार के बाद से ही टीम इंडिया न सिर्फ फैंस के निशाने पर है, बल्कि पूर्व दिग्गज भी भारतीय टीम पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसी कड़ी में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का नाम शामिल हो चुका है जिन्होंने एक बार फिर वर्कलोड मैनेजमेंट का हवाला देते हुए टीम इंडिया को लताड़ लगाई है.. गावस्कर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट को वर्कलोड मैनेजमेंट के कॉन्सेप्ट से आगे बढ़ना चाहिए.
भारतीय दिग्गज गावस्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा “जब आप वर्ल्ड कप में जीत नहीं सकते, तो बदलाव तो होंगे ही. हमनें देखा है कि जो न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया जा रही है, उसमें बदलाव हुए हैं, और ये जो वर्कलोड- वर्कलोड की बातें चलती है, कीर्ति और मदनलाल ने सही कहा कि सिर्फ भारत के लिए खेलने के लिए वर्कलोड क्यों होता है?”
पूर्व भारतीय कप्तान ने आईपीएल का जिक्र किया और इंटरनेशनल क्रिकेट से उसकी तुलना करते हुए खिलाड़ियों के ऊपर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है..दरअसल Gavaskar ने अपने बयान में कहा है कि ‘आप आईपीएल का पूरा सीजन खेलते हैं, उस टूर्नामेंट में अपना ट्रैवल करते हैं. सिर्फ पिछला आईपीएल चार स्टेडियम में खेला गया था. बाकी सब जगह आप इधर-उधर दौड़ते रहते हैं. वहां पर आपको थकान नहीं होती है? वहां वर्कलोड नहीं होता है? सिर्फ भारत के लिए खेलने पर ही वर्कलोड याद आता है, वो भी तब जब आप ऐसे देश में खेलने जा रहे हैं, जहां क्रिकेट में बहुत ज्यादा ग्लैमर नहीं है. तब वर्कलोड की बात आ जाती है. यह बात पूरी तरह गलत है.’
इसके आगे पूर्व भारतीय दिग्गज ने bcci से यह अपील करी है कि भारतीय खिलाड़ियों को जरूरत से ज्यादा दुलार करने की जरूरत नहीं है.. बीसीसीआई को भारतीय क्रिकेटर को कड़ा मैसेज देने की जरूरत है… क्यूंकि उनके मुताबिक वर्कलोड और फिटनेस साथ में नहीं आ सकते. अगर कोई खिलाड़ी फिट हैं तो वर्कलोड का सवाल ही नहीं आता है.. और अगर इसके बावजूद कोई खिलाड़ी वर्क लोड के नाम पर मैच नहीं खेल पाता तो उसकी रिटेनर फीस भी काटनी चाहिए ऐसा करने पर ही फिर बहुत सारे खिलाड़ी वर्कलोड भूलकर खेलने आएंगे… क्यूंकि जब भी आईपीएल आता है, तो सारे खिलाड़ी आईपीएल खेलने के लिए वर्कलोड भूल जाते हैं… बदलाव होने जरूरी है लेकिन खिलाड़ियों को एक कड़ा संदेश देना भी अब जरूरी बन गया है.