कई खिलाड़ियों के व्यस्त शेड्यूल के चलते वह संन्यास ले रहे हैं। उनके संन्यास ले लेने से क्रिकेट के वनडे फॉर्मेट पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कहीं क्रिकेट के महान हस्ती तो यह कह रहे हैं, कि वनडे क्रिकेट को सिर्फ आईसीसी के टूर्नामेंट में ही लागू कर देना चाहिए। तो वहीं कई खिलाड़ियों का मानना यह है, कि 50 ओवर का क्रिकेट बहुत लंबा हो जाता है। सभी ने क्रिकेट के बड़े फॉर्मेट वनडे और टेस्ट के बारे में अपनी सलाह दी है। तो वही वर्ल्ड चैंपियन कपिल देव ने भी क्रिकेट के वनडे और टेस्ट फॉर्मेट को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी से रखने या ना रखने पर अपनी राय दी है।
दरअसल बात यह है कि जब से T20 खेलों का प्रचलन आया है, तब से वनडे और टेस्ट क्रिकेट को लोग बहुत कम देखना पसंद करते हैं। क्योंकि T20 क्रिकेट में इतना आनंद आता है कि टेस्ट और वनडे लोगों को बोरिंग लगता है। यही कारण है कि वनडे और टेस्ट का प्रचलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। और इसमें लोगों की रुचि भी बेहद कम रह गई है। विश्व की कई टीम तो T20 क्रिकेट को ही प्राथमिकता दे रही हैं। ऐसे में कपिल देव ने बताया है, कि हमें टेस्ट और वनडे को बचाने के लिए समय देना होगा।
T20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर अब यह सवाल खड़ा हुआ है, कि आज क्या आने वाले समय में टेस्ट और वनडे क्रिकेट का प्रचलन रह पाएगा या नहीं। इस पर क्रिकेट के महान दिग्गजों भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने अपनी मंशा साफ करते हुए कहा है, कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को दोनों ही क्रिकेट के फॉर्मेट के फ्यूचर के लिए कुछ करना होगा।इसी को लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से अपील करते हुए एक बड़ा बयान जारी किया है। जो कुछ इस प्रकार है.
“मुझे लगता है कि यह 50 ओवर फॉर्मेट बेहद जल्द समाप्त हो जाएगा। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की एक बड़ी जिम्मेदारी है, कि कैसे वनडे फॉर्मेट के क्रिकेट को बचाया जाए। यह यूरोप में फुटबॉल की तरह चल रहा है। वे हर देश के विरुद्ध नहीं खेलते हैं। यह 4 वर्ष में वर्ल्ड कप के रूप में एक बार होता है। क्या हमारे पास वर्ल्ड कप और और बाकि टाइम टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने का है”
यह था कपिल देव का बड़ा बयान आपको बता दें कपिल देव भारतीय टीम के कप्तान रह चुके हैं। उन्होंने 1983 में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए भारत को पहली बार आईसीसी की विश्व विजेता टीम बनाया था ।