SURYA CRICKET JOURNY : ऐसे बने सूर्या ज़ीरो से हीरो,स्ट्रगल की कहानी रुला देगी आपको

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कहते हैं sky has the limit, लेकिन इंडियन क्रिकेट टीम में मौजूद sky की नहीं है कोई लिमिट.. इंटरनेशनल स्टेज पर यह नाम बेशक थोड़ा देर से आया पर क्या दुरुस्त आया.. कहते हैं प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती, और भारत के सूर्यकुमार यादव ने इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है, तक़रीबन डेढ़ साल का करियर और इतने कम समय में t20 का नंबर एक बल्लेबाज होना अपने आप में Suryakumar की काबिलियत दिखाता है, तो आइये इस वीडियो में आपको बताते हैं कैसे बार-बार नजरअंदाज होने के बावजूद टीम इंडिया में हुआ सूर्य उदय और कैसे jero से हीरो बने sky…

किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि सच्चे लगन से मेहनत करने वाले की उपरवाला भी सुनता है, कभी देर हो भी जाए पर सफलता आज नहीं तो कल मिलती जरूर है,और जिस खिलाड़ी ने अपने पहले मौके के लिए 10 साल का लम्बा इंतजार किया हो उससे बेहतर ईन बातों के मायने शायद ही कोई और बेहतर समझता होगा., टीम इंडिया के X factor और आज अपने 360 डिग्री batting स्टाइल के लिए मशहूर सूर्यकुमार यादव को टीम इंडिया में जगह पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े.. क्रिकेट की शुरुआत तो काफी पहले ही हो चुकी थी और काफी छोटी उम्र में ही पूरे (Suryakumar) यादव ने अपनी स्टेट टीम में भी जगह पा ली थी.. पर यहां से इंडियन टीम का कैप हासिल करने का सफर सूर्या के संघर्ष की सबसे बड़ी कहानी रही है…

अपने एक दशक के प्रोफेशनल करियर के बीच में कई ऐसे मौके आए जब रनों का पहाड़ खड़ा हुआ पर बार बार सूर्या की अनदेखी होती रही.. जिससे इस खिलाड़ी का कई बार दिल भी टूटा, कोई और खिलाड़ी होता उसका हौसला कब का पस्त हो जाता पर Suryakumar तो अलग मिट्टी के बने थे.. ठोकरे मिली पर सूर्या का भारत के लिए खेलने का मोटिवेशन बिल्कुल नहीं हिला

साल 2010-11 सत्र से यह कहानी शुरू हुई जहां इस खिलाड़ी ने अंडर 22 लेवल पर 1000 से अधिक रन बना डाले और एम ए चिदंबरम ट्रॉफी भी जीती.. जिसके चलते अगले रणजी सीजन के लिए सूर्यकुमार यादव को मुंबई की टीम में सिलेक्ट कर लिया गया जहां पहले ही सीजन में उन्होंने उड़ीसा के खिलाफ एक दोहरा शतक लगाया और 9 मैचों में 754 रन बनाकर पूरे टूर्नामेंट के हाईएस्ट रन गेटर भी रहे.. इसके बाद लिस्ट A, विजय हजारे और ना जाने कितने डोमेस्टिक टूर्नामेंट में सूर्यकुमार यादव के बल्ले से रनों की बारिश होती रही लेकिन टीम इंडिया का कॉल तब भी नहीं आया.. यही पर दुनिया की सबसे बड़ी लीग आईपीएल ने सूर्यकुमार को एक नई पहचान दिलाई..

Sky ने Ipl करियर की शुरुआत king khan की फ्रेंचाइजी kkr के साथ की, जहां गौतम गंभीर की कप्तानी में सूर्यकुमार यादव में काफी निखार आया, हालांकि तब गंभीर ने सूर्य को लोअर मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी करवाई जहां कुछ मुकाबलों में असरदार पारियां खेल सूर्या ने अपने लिए एक अलग नाम बनाया.. Kkr के साथ उन्होंने आईपीएल टाइटल भी जीता, और वह गंभीर ही थे जिन्होंने पहली बार Suryakumar yadav को स्काई का टैग दिया.. शायद तब गौतम भी यह बात जानते थे कि आगे चलकर यह sky पूरी दुनिया में अपनी अलग चमक बिखेरेगा..

हालांकि Ipl और घरेलु क्रिकेट में लगातार परफॉर्मेंस देने के बावजूद कई मौकों पर यह खिलाड़ी भारतीय टीम में जगह बनाने से चुकता रहा.. हर बार उनके हाथ निराशा ही लगी जिससे सूर्या और उनके परिवार को काफी धक्का लगता, लेकिन जैसे ही मुंबई इंडियंस के साथ सूर्यकुमार यादव ने अपना दूसरा चैप्टर शुरू किया चीजें धीरे-धीरे बदलने शुरू हो गई.. अपनी होम फ्रेंचाइजी के लिए अगले तीन सालो में इस खिलाड़ी ने कई मैच विनिंग पारियां खेली, do साल लगातार mi की ipl जीत में अपनी अहम भूमिका निभाई.. उधर डोमेस्टिक क्रिकेट में भी सूर्यकुमार यादव का बल्ला आग उगल रहा था… ऐसे में अब सिलेक्टरों के लिए भी सूर्यकुमार यादव को इग्नोर कर पाना मुश्किल हो गया और आखिरकार sky ने टीम इंडिया में जाने का दरवाजा तोड़ ही डाला..

जिस शख्स को काफी पहले ही भारत के लिए डेब्यू का मौका मिल जाना चाहिए था उसे अपना पहला मुकाबला खेलने के लिए 11 वर्षो की कड़ी तपस्या करनी पड़ी..अंततः इंतजार का फल सूर्या को मिला, 29 की उम्र में पहली बार इंटरनेशनल स्टेज पर सूर्यकुमार यादव ने टीम इंडिया की जर्सी पहनी, एक 14 मार्च 2021 की तारीख थी जब इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू पर जोफ्रा आर्चर जैसे खतरनाक गेंदबाज की पहले ही गेंद को स्टैंड में पहुंचाकर सूर्यकुमार यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने आने का ऐलान किया था और एक आज का दिन है जब हर एक क्रिकेट fans के जुबां पर सिर्फ और सिर्फ सूर्यकुमार यादव का ही नाम चल रहा है..

इस खिलाड़ी ने अपने नाम की ही भांति क्रिकेट field पर अपनी चमक से ऐसी रोशनी बिखेरी है कि आज हर कोई उन्हें भारत का एबी डिविलियर्स मान चुका है.. इतने कम समय में सूर्यकुमार यादव वर्ल्ड क्रिकेट के नंबर एक टी-20 बल्लेबाज बन चुके हैं और किसी भी कंडीशन में जाकर बड़े से बड़े गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करने की काबिलियत रखते हैं… इसका नजारा हमें पहले ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 वर्ल्ड कप और इसके बाद न्यूजीलैंड के दौरे पर देखने को मिल चुका है जहां सिर्फ और सिर्फ sky का नाम ही हर अखबार के फ्रंट पेज पर छप गया है…

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