बीते दिनों भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) का उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी आरसीबी के साथ एक पॉडकास्ट में दिया गया इंटरव्यू काफी सुर्खियों में बना हुआ है, इस इंटरव्यू में भारत के सफलतम कप्तानों में से एक विराट कोहली ने एक खिलाड़ी से कप्तान और फिर एक खिलाड़ी के रूप में अपने करियर के अलग अलग फेज को लेकर काफी कुछ कहा है.. इसके अलावा कोहली ने उनकी और धोनी के बीच के रिश्तो का भी जिक्र किया है जबकि इसी इंटरव्यू में विराट ने उन दिनों को भी याद किया है जब विराट रनों के लिए संघर्ष कर रहे थे..
विराट ने इस इंटरव्यू में बताया कैसे उनके खराब दौर में उनकी पत्नी अनुष्का और कोच के अलावा सिर्फ पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें मोटिवेट किया और उनका हालचाल भी पूछा, इसके साथ ही विराट ने बताया की एमएस के अंडर साल 2012 के बाद से ही विराट को एक नए कप्तान के रूप में ग्रुम किया जाने लगा था, वही इस इंटरव्यू में कोहली ने कप्तानी छोड़ने के बाद खुद को एक प्लेयर के रूप में कैसे ट्रांसफार्म किया है इस पर भी एक बड़ी बात कही है, कोहली ने बताया कैसे कैसे यह दौर उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा और क्यूँ आज भी उनके दिमाग में कप्तानी का ख्याल चलते रहता है
कोहली ने उस समय के बारे में जिक्र करते हुए कहा “सालों तक टीम की कप्तानी करने के बाद एक बार फिर एक प्लेयर के रुप में खुद को फिट करना आसान नहीं था. मुझे खुद को एक खिलाड़ी के रुप में ढालने में समय लगा. बतौर कप्तान आप फील्ड में होने वाली तमाम चीजों के बारे में सोचते हो और निर्णय लेते हो. सालों बाद जब आपको ये सब नहीं करना होता तो थोड़ा अजीब लगता है. अभी भी कई चीजे मैच के दौरान मैं कर जाता हूँ जो अंदर से अचानक आ जाती हैं. लेकिन अब मैं इन चीजों से खुद को दूर रख रहा हूँ. हां मैं कप्तानी को मिस नहीं करता.. ”
अपने इंटरव्यू में विराट ने यह भी बताया कि मैच के दौरान कई चीजें होती है जब उनके अंदर से बहुत कुछ आता है लेकिन फिर दिमाग में यह बात आती है कि अब वह सलाह नहीं दे सकते और इसके बाद विराट उन चीजों को जाने देते हैं इसे एक प्रक्रिया मानते हुए कोहली ने बताया कि सारे खिलाड़ियों को इससे गुजरना होता है और धीरे-धीरे ही चीजें सामान्य होती है.
गौरतलब है कि की विराट कोहली अपनी कप्तानी में भारत को आईसीसी ट्रॉफी को नहीं दिलवा सके लेकिन उनका रिकॉर्ड भारत के किसी भी दूसरे कप्तान से बेहतर रहा है हालांकि बीते 2 सालों के अंदर विराट ने अपने करियर का सबसे बुरा दौर देखा जहां पर पहले T20 की कप्तानी छोड़ी उसके बाद उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाया गया फिर आईपीएल में भी आरसीबी की कप्तानी विराट ने छोड़ दी और इसके बाद आखिर में विराट ने खुद टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी भी छोड़ी.. जिसके बाद से ही विराट सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर अपनी टीम को जिताने के लिए मैदान में उतरते हैं लेकिन कोहली को अभी भी कप्तानी करने की इच्छा होती है यह खुद उन्होंने अपने बयान से साबित किया है.