किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि मेहनत से मंजिल तो हर कोई पा लेता है लेकिन जो त्याग और संघर्ष पथ पर चलकर आगे बढ़ता है, दुनिया उसे ही अपना सलाम ठोकती है… ऐसा ही महान शख्सियत के धनी हैं टीम इंडिया के सबसे बड़े बल्लेबाज जिसका नाम है विराट कोहली, आज यानी 5 नवंबर को king कोहली अपना 34 वां जन्मदिन मना रहे हैं.. यूं तो विराट से जुड़ा कोई किस्सा किसी से अछूता नहीं रहा है, लेकिन विराट की जिंदगी से जुड़ी एक ऐसी अनसुनी कहानी भी है जो शायद ही विराट या उनके fans तक पहुंची होगी… तो आइये इस वीडियो में हम वैसे ही एक अनसुनी कहानी के बारे में बताते हैं जब अपने भाई से किए एक वादे के कारण विराट ने वो कर दिखाया जो एक आम इंसान के लिए सोचना भी दूश्वार था…
विराट कोहली (Virat Kohli) भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा नाम है जिसकी फैन फॉलोइंग दुनिया के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों में सबसे आगे है.. आज से 15 साल पहले साल 2008 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले विराट ने इन 15 सालों में कामयाबी और शोहरत तो बहुत देखा, 2008 में पहली बार अंडर-19 के कप्तानी कर्तव्य विराट ने ट्रॉफी जीता, 2011 में टीम इंडिया के साथ एक युवा विराट ने वर्ल्ड कप जीता और फिर इसके बाद कोहली से किंग कोहली बनने तक का सफर भी तय किया, और दुनियाई क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बन गए कि उनके आसपास भी किसी दूसरे क्रिकेटर के लिए भटकना मुश्किल है लेकिन आज जिस सफलता के मुकाम पर कोहली हैं, उसके पीछे एक ऐसा त्याग और संघर्ष की कहानी छुपी है जो यह प्रमाण है कि विराट कोहली आज इसके असली हकदार है..
यूं तो कोहली के जीवन से कई किस्से फैन्स को पता है, यह बात तो हर कोई जानता है कि काफी कम उम्र में जब विराट ने अपने पिता को खोया था, ठीक उसके अगले दिन जाकर रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में दिल्ली के लिए बल्लेबाजी की कमान संभाली थी.. लेकिन यह बहुत कम लोगों को पता होगा कि उस सुबह से पहले रात को विराट ने अपने भाई से एक ऐसा वादा किया जिसने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी खुद विराट कोहली के परिवार और दोस्तों ने भी इसपर राज खोले हैं..
दरअसल जब विराट कोहली अपने युवा अवस्था में थे और उनके पिता का निधन हुआ था तब उनकी आंखों से आंसू तक नहीं आ पा रहे थे वह इतने ज्यादा टूट चुके थे कि उनकी जिंदगी पर इसका गहरा असर पड़ रहा था, लेकिन इन मुश्किल हालातों में विराट ने लड़ना सीखा.. अमेरिका के एक पोस्ट जनरलिस्ट से बातचीत के दौरान विराट ने खुद इस बात का खुलासा किया कि साल 2006 के दिसंबर महीने में उन्होंने अपने पिता को आंखों के सामने आखिरी सांस लेते देखा तब वह दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट मैच खेल रहे थे, उस वक्त पर वह काफी अंदर से टूट चुके थे लेकिन तभी उन्होंने उस रात को अपने बड़े भाई से यह बात कही कि वह देश के लिए क्रिकेट खेलना चाहते हैं, और पिता का भी यही सपना था तो इस पर उनके भाई ने उन्हें हिम्मत दी और विराट ने अपने भाई से यह वादा किया कि वह अपने पिता के सपने को पूरा करके ही दम लेंगे..
विराट अपने सपने को कभी मार नहीं सकते थे और इसलिए पिता के निधन के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि क्रिकेट ही उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी.. मुश्किलों से लड़कर और बुरे वक्त का सामना कर विराट ने वह सब कुछ किया जो उन्हें एक सफल क्रिकेटर बनाता..
रणजी ट्रॉफी मुकाबले के दौरान जब पिता की मौत हुई तब विराट ने बताया कि उस रात लोग रात भर जागते रहे उन्होंने अपने पिता को आखिरी साँस लेते देखा, रात काफी हो चुकी थी और सारे आसपास के डॉक्टर के पास भी गए, लेकिन तब किसी ने नहीं देखा. फिर उन्हें अस्पताल लेकर गए लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए.. इससे परिवार के सभी लोग टूट गए और रोने लगे, लेकिन विराट के आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे. वह तब कुछ समझ नहीं पा रहे थे, विराट ने तब अपने कोच को सुबह इस बारे में बताया और साथ ही कहा कि वह आगे मैच का हिस्सा बने रहना चाहते हैं क्योंकि चाहे कुछ हो उन्हें इस खेल को छोड़ना मंजूर नहीं था..
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मैदान पर गए तो उन्होंने अपने बाकी साथियों को खबर दी. जब ड्रेसिंग रूप में टीम विरासत को सांत्वना दे रही थी तब वह बिखर गए और भावुक हो उठे… पर मुश्किल वक्त में तब कोहली ने भाई से एक वादा किया कि वह भारत के लिए खेलकर दिखाएंगे.. क्यूंकि उनके पापा हमेशा चाहते थे कि विराट इंडिया के लिए खेलें… और इस किस्से के बाद जिंदगी में बाकी सारी चीजें सब दूसरे नंबर पर आ गया.. और क्रिकेट ही विराट के लिए पहली प्राथमिकता बन गई….
वो कहते हैं ना कि मेहनत तो हर कोई कर लेता है लेकिन विराट बनने के लिए जो त्याग चाहिए वह असल मायने में किंग कोहली ने उसका मिशाल पेश किया है और उन सभी युवाओं के लिए विराट कोहली एक प्रेरणा है जो अपने जीवन में एक लक्ष्य को पाने के लिए हर कीमत चुकाने के लिए तैयार रहते हैं.