IND VS AUS: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में हमे IND VS AUS का ऐतिहासिक भिड़ंत देखने को मिलेगी जिसको लेकर जहां एक तरफ क्रिकेट फैंस में इस मुकाबले को लेकर गजब का क्रेज देखने को मिल रहा है वहीं इसी बीच सबको हैरान करते हुए आईसीसी ने भी इस फाइनल मुकाबले को मजेदार बनाने के लिए कई प्लेईंग कंडीशन में बदलाव किए हैं तो आईसीसी ने इतने बड़े मुकाबले से पहले किन प्लेईंग कंडीशन में किया है बदलाव बताएंगे आपको इस वीडियो में तो जानने के लिए आखरी तक देखें हमारा यह वीडियो।

आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में IND VS AUS का ऐतिहासिक भिड़ंत देखने को मिलेगी दोनों ही टीमों के बीच जहां मुकाबला लंदन के ओवल मैदान पर 7 जून से खेला जाना है जोकि 11 जून को समाप्त होगा ऐसे में आपको बता दे की लगातार बदलते मौसम के वजह से प्रसिद्ध इंग्लैंड के कंडीशन को देखते हुए आईसीसी ने इस मुकाबले के लिए एक दिन का रिजर्व डे भी रखा है लेकिन इसके बावजूद भी दोनों ही टीमें यह आस लगाकर चल रही होगी कि इस मुकाबले में बारिश कोई भी बाधा ना डालें और यह मुकाबला निर्धारित समय में ही खत्म हो जाए, और शायद यही कारण है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले इस ऐतिहासिक मुकाबले से पहले आईसीसी ने भी इंग्लैंड के कंडिशनों को ध्यान में रखते हुए कई नियमों में बड़ा फेर बदल किया है ऐसे में आईसीसी ने इस मुकाबले से पहले किन नियमों में किया है फेरबदल बताते हैं आपको।

क्रिकेट में सॉफ्ट सिग्नल का समय पूरा।

सबसे बड़ा फेरबदल जो कि आईसीसी की ने इतने बड़े मुकाबला से पहले अपने नियमों में किया है वह सॉफ्ट सिग्नल के नियम को रद्द करना। फाइनल मुकाबले में इस बार हमें सॉफ्ट सिग्नल रूल का इस्तेमाल होते नहीं देखने को मिलेगा यानी कि मैदानी अंपायर के पास फैसला रेफर करने से पहले सॉफ्ट सिग्नल देने का अधिकार नहीं होगा इससे पहले आपको बता दे कि अगर मैदान पर मौजूद अंपायर किसी भी निर्णय को थर्ड अंपायर के पास भेजते थे तो उससे पहले सॉफ्ट सिग्नल देना होता था लेकिन इस मुकाबले से पहले आईसीसी ने इस नियम को पूरी तरह से खत्म करते हुए अब नया नियम यह बनाया है कि अगर मैदानी अंपायर को थर्ड अंपायर से किसी भी निर्णय को लेकर सहायता लेनी हो तो ऐसे में कोई भी सॉफ्ट सिग्नल नहीं देना है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की सॉफ्ट सिग्नल को लेकर कई बार बवाल मच चुका है इस साल ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच हुए टेस्ट मैच के दौरान भी मैदानी अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल के तौर पर मार्नस labuschagne को कैच आउट दिया था, स्लिप में पकड़ा गया यह कैच क्लीन नहीं था मगर तीसरे अंपायर के पास मैदानी अंपायर के फैसले को पलटने का पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण ऑन फील्ड अंपायर के इस फैसले को कायम रखा गया था जिसके बाद से ही यह मांग उठने लगी थी कि सॉफ्ट सिग्नल को आईसीसी अपने नियमों यह पुलिंदे में से हटाए।

अब मैदान पर भी जरूरी है हेलमेट।

दोस्तों सॉफ्ट सिग्नल के बाद दूसरा नियम जो आईसीसी ने इस फाइनल से पहले बदला है वह है हेलमेट से जुड़ा हुआ जी हां दोस्तों आपको बता दे कि यह नियम 1 जून से ही लागू हो चुका है और 1 जून के बाद अब जितने भी मुक़ाबले खेले जाएंगे उसमें जोखिम को ध्यान में रखते हुए हर परिस्थिति में हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है आपको बता दे की तेज गेंदबाजों का सामना करते समय कई बल्लेबाजी हेलमेट को अवॉइड करते थे लेकिन अब नए नियम के हिसाब से उनको जब भी कोई तेज गेंदबाज गेंदबाजी करने आएगा तो हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा और न सिर्फ बल्लेबाज बल्कि विकेटकीपर अगर स्टंप्स के पास और अगर कोई फील्डर पिच के पास बैटर्स के करीब खड़े होकर फील्डिंग करेगा उसे भी अब हेलमेट पहनना जरूरी होगा।

बदल गया फ्री हिट से भी जुड़ा नियम।

दोस्तों आपको बता दे कि आईसीसी ने वनडे और t20 इंटरनेशनल मुकाबले में मिलने वाले फ्री हिट को लेकर नियमों में अमूल चूल परिवर्तन करते हुए यह कहा है कि अब यदि फ्री हिट के दौरान गेंद स्टंप्स पर लगती है और बल्लेबाज उस पर दौड़कर रन बना लेते हैं तो उसे स्कोर में जोड़ा जाएगा इसका मतलब हुआ की बल्लेबाज फ्री हिट पर बोल्ड होने के बावजूद भी अब रन बनाने में कामयाब हो सकता है।

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