Prakhar Chaturvedi: जानें कौन हैं भारत के ‘ब्रायन लारा’ प्रखर चतुर्वेदी? जिसने बना डाले नॉटआउट 404 रन

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Prakhar Chaturvedi: जहां एक तरफ भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अफगानिस्तान के खिलाफ अंतिम T20 मैच में अपने बल्ले से तांडव मचाकर पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया रोहित शर्मा ने इस मैच में 64 गेंद का सामना करते हुए धमाकेदार पारी खेल कर आठ गगनचुंबी छक्के और 11 चौके की मदद से 121 रन की पारी खेल दी और इसी के साथ उन्होंने T20 इंटरनेशनल करियर में अपना पांचवा शतक जड़ दिया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.

यह तो केवल ट्रेलर था रोहित किस काबिल है यह तो हर कोई जानता है रोहित इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे करियर में तीन बार दोहरा शतक लगाए हैं और पांच बार T20 में शतक जडा है इसके अलावा भी रोहित के पास कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड है लेकिन अब रोहित की मौजूदगी में एक ऐसा खिलाड़ी भारत के घरेलू क्रिकेट से निकलकर सामने आया है जिसने केवल 18 साल की उम्र में बड़े से बड़े दिग्गजों का रिकॉर्ड तोड़कर वह करिश्मा कर दिखाया की पूरी दुनिया हैरान रह गई कर दिया.

जी हां आपको बता दें यह खिलाड़ी कोई और नहीं है बल्कि 18 साल का उभरता हुआ सितारा प्रखर चतुर्वेदी है बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट यानी कुच बिहार ट्रॉफी का फाइनल मैच कर्नाटक और मुंबई की टीमों के बीच खेला जा रहा था यह मैच सीके नायडू स्टेडियम में खेला गया इस मैच में कर्नाटक के एक युवा बल्लेबाज प्रखर चतुर्वेदी ने अपने बल्ले से एक नया कीर्तिमान रच दिया जिसे देखकर पूरा क्रिकेट जगत इस खिलाड़ी को सलाम करने लगा प्रखर चतुर्वेदी ने मुंबई के खिलाफ खेलते हुए 404 रनों की नाबाद पारी खेली उन्होंने 638 गेंद का सामना किया जिसमें उन्होंने 46 चौके और तीन छक्के लगाए इसी के साथ वह इस टूर्नामेंट के फाइनल में 400 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बने उनकी पारी के दम पर कर्नाटक ने अपनी पहली पारी 890 रन पर घोषित की इस पारी के बाद उनकी तुलना वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा की पारी से हो रही है आपको बता दे ब्रायन लारा ने भी टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 400 रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं

इतना ही नहीं प्रखर चतुर्वेदी ने इस पारी के साथ युवराज सिंह का 24 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया वह युवराज को पहचानते हुए कुच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए हैं प्रखर चतुर्वेदी से पहले युवराज सिंह ने दिसंबर 1999 बिहार की टीम के खिलाफ 358 रन बनाए थे युवराज ने यह पारी एस धोनी के सामने खेली थी तभी तो युवराज सिंह का रिकॉर्ड तोड़कर उन्होंने पूरे हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी आपको बता दे प्रखर चतुर्वेदी एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां खेल की अपेक्षा शिक्षा को ज्यादा महत्व दिया जाता है उनके पिता संजय कुमार चतुर्वेदी इलेक्ट्रॉनिक सिटी में एक सॉफ्टवेयर फर्म के मालिक है जबकि उनकी मां रूप डीआरडीओ में तकनीकी सलाहकार है लेकिन प्रखर ने शिक्षा की जगह क्रिकेट में अपना करियर बनाने का मन बनाया

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उनके माता और पिता कभी भी उनके क्रिकेट करियर में रोड़ा बनकर नहीं आए उन्होंने हमेशा प्रखर का साथ दिया जिसका खुलासा खुद प्रखर ने बयान देते हुए किया है प्रखर ने बताते हुए कहा कि:- जब मैं 8 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब से मेरे माता-पिता मेरा बहुत समर्थन करते रहे हैं इस पारी का अहम योगदान मेरे कोच का है उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया आज जो कुछ भी हूं केवल उन्हीं के बदौलत हूं उन्होंने मेरी बल्लेबाजी में छोटी से छोटी तकनीकी गलती को भी तुरंत पहचान लेते हैं उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है जिसके कारण आज मैं यहां तक पहुंच पाया हूं

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