क्रिकेट को वैसे तो जेंटलमैन गेम कहा जाता हैं, पर क्रिकेट इतिहास में मैच फिक्सिंग के 5 ऐसे पल भी आए हैं जब पूरे क्रिकेट जगत को शर्मसार होना पड़ा है,,क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा फिक्सिंग स्कैंडल भारत-दक्षिण अफ्रीका साल 2000 में हुए एक मुकाबले को लेकर सामने आया था तब दोनों टीमों के पांच खिलाड़ी मैच फिक्स करने के लिए बुकियों के संपर्क में थे..इसमें पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, दक्षिण अफ्रीका के हैंसी क्रोनिए, Gibbs और निकी बोए जैसे बड़े नाम शामिल थे.
फिर 2013 में आईपीएल पर भी फिक्सिंग का काला धब्बा लग चुका है.. आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चन्डिला को स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, इसके चलते रॉयल्स और csk को 2 साल का बैन भी झेलना पड़ा था..तीसरा incidence ICL में घटा था जब चंडीगढ़ लॉयन्स से खेलते हुए न्यूजीलैंड के ऑल राउंडर क्रिस केर्न्स को आईसीसी की जांच में फिक्सिंग का दोषी पाया गया था.. तब न्यूजीलैंड के पूर्व ओपनर लुई विंसेंट ने केर्न्स पर मैच फिक्सिंग के लिए उन्हें एक बुकी से मिलवाने की बात कही थी.. ब्रैंडन मैकुलम ने भी एंटी करेप्शन और सिक्योरिटी यूनिट से केर्न्स के मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बात कही.. लेकिन केर्न्स हमेशा इन आरोपों का खंडन करते रहे.
एक ऐसा किस्सा westindies के पूर्व वर्ल्ड champion Marlon Samuels के साथ भी हुआ जब साल 2008 के भारत दौरे पर नागपुर मैच से पहले बुकियों से मिलकर उन्हें टीम की योजना बताने और मैच फिक्स करने का आरोप लगा.. पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे को कौन भूल सकता है, जहां सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग का कांड सामने आया था. इस कांड में मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और कप्तान सलमान बट्ट स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए थे. तीनों ने मजहर मजीन नाम के बुकी से उनके काम करने के लिए पैसे लिए थे.. माजिद ने आमिर और आसिफ को तय ओवरों में नो बॉल फेंकने के लिए कहा था. और सलमान बट्ट भी इस वीडियो में थे. कई सुनवाइयों के बाद 2011 में आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया था.