Breaking Updates: लगातार टीम में मौके देने को लेकर नाराजगी झेलने वाले बीसीसीआई के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, अब सेलेक्टर्स के द्वारा हो रहे लगातार अनदेखी से परेशान होकर भारत के इस स्टार ओपनर जिनको महेंद्र सिंह धोनी ने टीम में जगह दी थी उसने भारतीय टीम को छोर कर विदेश में खेलने का मन बना लिया है, और जब से यह खबर बाहर आई है तब से ही एक बार फिर से बीसीसीआई के सिलेक्टर्स पर सवाल उठने शुरू हो गए है।

जनवरी में किया था विजय ने सन्यास का ऐलान

ऐसे मैं आपको बता दे की मुरली विजय ने इसी साल जनवरी के महीने में भारतीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था और तब से ही यह कयास लग रहे थे की बहुत जल्द मुरली विजय इस तरह का कुछ अनाउंसमेंट कर सकते हैं हालांकि मुरली विजय ने अपना आखिरी मुकाबला 2018 में खेला था जिसके बाद फॉर्म में होने के बावजूद भी भारतीय सिलेक्टर्स ने उनको भारतीय टीम में जगह नहीं दी थी जिसको लेकर उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलकर बात भी किया था जिसके बाद बीसीसीआई और मुरली विजय के बीच में तना तनी भी बढ़ गई थी वही आपको बता दे की चेन्नई के तरफ से खेलने वाले इस खिलाड़ी ने अपना आखिरी आईपीएल मुकाबला भी 2020 के सेशन में ही खोला था इसके बाद से ही यह खिलाड़ी आईपीएल से भी बाहर चल रहा था उन्होंने अब 2020 में अपना आखिरी मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेला था जिसके बाद से ही उनको चेन्नई सुपर किंग्स ने भी नजर अंदाज करना शुरू कर दिया था ऐसे में लगातार हो रही अनदेखी से परेशान होकर मुरली विजय ने अब भारत को छोड़ने का निर्णय ले लिया है।

सन्यास के समय BCCI को सुनाई थी खरी खोटी

आपको बता दे की मुरली विजय ने संन्यास के समय अपने दिए गए इंटरव्यू में बीसीसीआई को लताड़ लगाते हुए कहा था कि “बीसीसीआई से मेरा नाता अब लगभग खत्म हो गया है. अब मैं विदेशों में अवसर तलाशना चाहता हूं। मैं अभी भी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मैं किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहता। मीडिया को भी इसे अलग तरह से देखना चाहिए। मुझे लगता है कि 30 साल की उम्र के बाद भी शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है। मैं अब भी पहले की तरह बल्लेबाजी कर सकता हूं।’ लेकिन मैं इसे दुर्भाग्य कहूं या सौभाग्य, यहां मुझे अवसर कम मिले हैं। इसलिए मुझे बाहर मौके तलाशने होंगे।” और तब ही मुरली विजय का दूसरे देश के साथ खेलने की बात पक्की हो गई थी।

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कैसा रहा है मुरली विजय का क्रिकेट करियर

ऐसे में बात करे मुरली विजय के करियर की तो उन्होंने भारत के तरफ से 2008 में खेलना शुरू किया था जिसके बाद उन्होंने भारत के तरफ से कुल 61 टेस्ट, 17 वनडे और 9 टी20 मुकाबले खेले थे, जहां उन्होंने टेस्ट के 61 मुकाबलों में 38.29 की औसत से 3982 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। वही यह खिलाड़ी 2014 के इंग्लैंड टेस्ट दौरे के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे थे। वही बात करे वनडे और t 20 की तो उन्होंने अपने करियर में 17 वनडे और 9 T20I खेले, जिसमें क्रमशः 339 और 169 रन बनाए। वहीं अपने खेले फर्स्ट क्लास करियर में मुरली विजय ने 135 मुकाबले खेले और 9205 रन बनाए, जिसमें 25 शतक और 38 अर्धशतक शामिल हैं बात करें इस खिलाड़ी के आईपीएल करियर की तो मुरली विजय ने चेन्नई और दूसरी टीमों के तरफ से खेलते हुए कुल आईपीएल के 106 मुकाबले खेले है जिसमे उन्होंने 25.93 के औसत से कुछ 2619 रन बनाए जिसमे इनका स्ट्राइक रेट 121.87 का रहा और 106 मुकाबलों में मुरली विजय ने कुल 2 शतक और 13 अर्धशतक जड़े और मुश्किल परिस्थितियों में अपनी टीम को जीत दिलवाई।

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