सन 2000 की अंडर-19 टीम के कुछ खिलाड़ी को ही भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में मौका दिया गया। जहां पर भारत की सीनियर टीम वर्ल्ड कप जीतने में नाकामयाब रही थी। तो वहीं भारतीय टीम की इस जूनियर टीम में अंडर-19 वर्ल्ड कप इतिहास रच दिया था। इस पूरे टूर्नामेंट में रोजर बिन्नी भारतीय टीम के हेड कोच रहे। रोजर बिन्नी की युवा टीम ने ग्रुप स्टेज मैच में नेपाल, बांग्लादेश, इंग्लैंड और श्रीलंका जैसी बड़ी टीम को हराया। तो वही सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की टीम को धूल चटाई। इसके अलावा फाइनल में इनका सामना श्रीलंका की टीम से हुआ। वहां पर भी भारतीय युवा टीम ने श्रीलंका को हराकर अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत लिया। आगे हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं, कि इस विश्वकप विजेता टीम में कौन-कौन से बेहतरीन खिलाड़ी शामिल थे और उनका क्रिकेट करियर कैसा रहा?
पहले नंबर पर है मोहम्मद कैफ। इन्होंने 2000 में भारतीय अंडर-19 टीम की कप्तानी की। उन्होंने इससे पहले भी कितने ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले । श्रीलंका में फाइनल मुकाबला जीतने के बाद इनको भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में टेस्ट खेलने का मौका भी मिला और इनको डेब्यु कैप पहनाई गई। इनके बाद मोहम्मद कैफ का सिलेक्शन भारतीय टीम में एकदिवसीय मुकाबलों के लिए भी किया गया। जहां पर मोहम्मद कैफ ने 2002 में शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को बड़ी जीत दिलाई थी। यह भारतीय टीम में एक शानदार क्षेत्ररक्षक बनकर भी सबके सामने आए। उन्होंने 2006 तक इसी तरह से क्रिकेट में अपना प्रदर्शन जारी रखा। इसके बाद यह भारतीय टीम में से बाहर हो गए थे। इसके अलावा उन्होंने 2017 तक घरेलू क्रिकेट खेला। अभी यह क्रिकेट मैच में कमेंट्री करते हैं तो यह एक कोच की भूमिका भी निभाते हैं।
दूसरे नंबर पर आते हैं मनीष शर्मा, इन्होंने अंडर-19 विश्व विजेता टीम यानी कि भारत के लिए ओपनिंग की। लेकिन इसके बाद भी इनका चयन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में नहीं हुआ और उन्होंने 2006 तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट ही खेला। इसके बाद यह इंडियन क्रिकेट लीग में चंडीगढ़ लायंस की टीम के लिए मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए भी दिखाई दिए। लेकिन फिर भी बीसीसीआई ने इनका भारतीय टीम में चयन नहीं किया और इनका नाम प्रोफेशनल क्रिकेटर्स की लिस्ट में नहीं आता।
तीसरे नंबर पर आते हैं रवनीत विकी, यह भी एक सलामी बल्लेबाज हैं। इन्होंने भी मोहम्मद कैफ की तरह ही इस अंडर नाइनटीन वर्ल्ड कप से पहले फर्स्ट क्लास मैच ही खेले। इसके बाद उन्होंने 2008 तक अपने घरेलू मुकाबले खेले। क्योंकि इनका भारतीय टीम में चयन नहीं हुआ था। इसके बाद अब यह एयर इंडिया कमर्शियल ऑफिसर के रूप में काम कर रहे हैं।
इस लिस्ट में नंबर 4 पर है सिक्सर किंग के नाम से मशहूर बेड़े खिलाड़ी युवराज सिंह। इस वर्ल्ड कप के बाद युवराज सिंह के कैरियर को नया मोड मिला। उन्होंने 2000 में ही भारतीय टीम में डेब्यू कर लिया था। इसके बाद तो उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार शानदार बल्लेबाजी करते रहे। यह भारतीय टीम के लिए 2007 T20 वर्ल्ड कप और आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 टीम में बतौर मिडल ऑर्डर बल्लेबाज शामिल थे। इन्होंने ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 399 मैच खेले हैं। इनके नाम छह गेंदों पर छह छक्के लगाने का भी रिकॉर्ड है। इन्होंने सन 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए गेंदबाज स्टुअर्ट बोर्ड के ओवर में छह गेंदों पर छह छक्के जड़कर इतिहास रच दिया था।
इस लिस्ट में नंबर पांच पर रीतेंद्र सिंह सोढ़ी, जोकि एक खतरनाक ऑलराउंडर the। उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में ही अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था। इन्होंने 2000 अंडर-19 T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन के चलते प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला। इसके बाद उन्होंने इस साल के अंत में इनका सिलेक्शन वनडे के लिए भी कर लिया गया। अब यह आपको लीजेंड्स क्रिकेट लीग में भी खेलते हुए दिखाई देंगे़।