सरफराज खान ने टीम में ना चुने जाने पर कुछ इस तरह निकाला गुस्सा

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“रोक सको तो रोक लो” कुछ ऐसा ही अपने बल्ले से मुंबई के स्टार सरफराज खान बीसीसीआई और सिलेक्शन कमेटी को कहते हुए नजर आ रहे हैं। डोमेस्टिक क्रिकेट में शतक पर शतक ठोकने के बावजूद टेस्ट टीम में नहीं चुने जाने का गुस्सा सरफराज ने ग्राउंड पर निकाला है। भारत के ब्रैडमैन कहलाने वाले इस खिलाड़ी ने रणजी ट्रॉफी में अब एक और शतक ठोक कर बीसीसीआई से लेकर सिलेक्टरों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है।

किसी ने क्या खूब कहा है कि आप एक समय पर टैलेंट को दबा ज़रूर सकते हो लेकिन उसे रोक नहीं सकते। वह अपनी मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय के बदौलत एक न एक दिन मुकाम को हासिल कर लेता है। कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी महीने में होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टीम में सरफराज खान का ना होना सभी को हैरान कर गया था। जिस बल्लेबाज का औसत फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 80 से ऊपर का हो और ओवरऑल फर्स्ट क्लास करियर में जो बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन का 82 का फर्स्ट क्लास एवरेज तोड़ने की कगार पर खड़ा होने के बाद भी बीसीसीआई ने उस बल्लेबाज को टेस्ट टीम में जगह ना देकर एक बड़ी नाइंसाफी की है। सरफराज ने दो लगातार रणजी सीजन में 900 से ज्यादा रन लगाए, बावजूद इसके ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नहीं मिली।

बीसीसीआई के इस फैसले से इस खिलाड़ी का दिल तोड़ने का काम जरूर किया लेकिन सरफराज ने बिना कुछ बोले ही अब सिर्फ बल्ले से ही बीसीसीआई और सिलेक्टरों को इसका करारा जवाब दिया है। टीम सिलेक्शन होने के बाद पहली बार आज ग्राउंड पर उतरते ही डोमेस्टिक क्रिकेट के धाकड़ बल्लेबाज ने दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी सीजन में अपना तीसरा शतक ठोक दिया है। अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में इस खिलाड़ी ने केवल 135 गेंदों में ही शतक जड़ दिया है और या शतक ठोकने के बाद इस खिलाड़ी ने अपने रिएक्शन से ही बीसीसीआई और सिलेक्शन कमिटी को मुँहतोड़ जवाब दिया है।

रणजी सीजन में सरफराज खान का तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इससे पहले भी सरफराज ने तमिलनाडु के खिलाफ 162 और हैदराबाद के खिलाफ 126 रनों की पारी खेली थी। इतना ही नहीं पिछले रणजी सीजन में भी 123 की औसत से सरफराज ने 982 रन लगाकर मुंबई को फाइनल तक पहुंचाया था। पिछले साल इस खिलाड़ी ने 4 शतक और दो अर्धशतक जड़े थे और अब भी लगातार डोमेस्टिक सर्किट पर अपने बल्ले से यह खिलाड़ी आग लगा रहा है।

लेकिन बीसीसीआई कुछ अलग ही अंदाज में चलती है अपने ही डोमेस्टिक टूर्नामेंट के सबसे बेस्ट परफॉर्मर को टेस्ट टीम में जगह न देकर खुद ही बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी का अपमान भी कर रही है और तो और कुछ खबरों के मुताबिक सरफराज को बाहर रखने के पीछे उनकी स्ट्राइक रेट को कारण बताया गया है जबकि अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सरफराज खान ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 81 के औसत से 3500 से ऊपर रन बनाए हैं और इस दौरान उनका 70 का स्ट्राइक रेट रहा है, जो मौजूदा इंडियन टीम में शामिल किए गए सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन से भी कहीं बेहतर है लेकिन बीसीसीआई टी-20 के परफॉर्मेंस के आधार पर खिलाड़ियों को टेस्ट टीम में तो शामिल कर लेती है लेकिन रणजी में एक बड़ा बल्लेबाज बन चुका सरफराज खान जिसे बड़े-बड़े शतक लगाने की आदत है। वह इतनी लाजवाब बल्लेबाजी के बावजूद अपने मौके का इंतजार करने को मजबूर है।

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