युवराज सिंह ने अपने दौर में बड़े-बड़े गेंदबाजों के अंदर खौफ पैदा किया था उनके द्वारा लगाए गए छक्के शायद ही इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड भूल पाएंगे 2007 T20 वर्ल्ड कप में एक छोटी सी हुई लड़ाई के बाद युवराज ने अपना गुस्सा स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में निकाला जहां उन्होंने ब्रॉड के एक ही ओवर में छह छक्के जड़ डाले और ऐसा करने वाले वह दुनिया के पहले बल्लेबाज बने उस मुकाबले में युवराज ने महज 12 गेंदों में 50 रन बनाकर एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया जिसे आज तक कोई भी नहीं तोड़ पाया है फिर बारी आती है 2011 वर्ल्ड कप की भारत 28 साल से वनडे विश्व कप नहीं जीत पाया था पर युवराज मन बना चुके थे कि इस बार भारत को वर्ल्ड कप दिलाएंगे दोस्तों अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से उन्होंने भारत को चैंपियन बना दिया
वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाने वाले युवराज कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे खून की उल्टियां करने के बावजूद इस खिलाड़ी ने पूरा वर्ल्ड कप खेला उन्होंने भारत के लिए कई ऐसे कारनामे किए जिसे शायद ही कोई कभी भुला पाएगा युवराज किसी भी भारतीय प्रशंसक के जेहन से नहीं उतर सकते लेकिन दोस्तों आज अपनी इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं युवराज जैसी ही क्षमता रखने वाले भारत के एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने घरेलू क्रिकेट के बाद अब इंटरनेशनल में भी अपने नाम का झंडा गाढ़ दिया है
जी हां दोस्तों वह कोई और नहीं बल्कि अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप सेमी फाइनल में अफ्रीका के खिलाफ अपने ऑल राउंड खेल से टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचने वाले राज लिंबानी है लिमबानी की सालों की मेहनत का असर अब वर्ल्ड कप में दिख रहा है उन्होंने यहां अपनी रफ्तार से कहर मचा रखा है अब तक अंडर-19 वर्ल्ड कप में इस खिलाड़ी का बोलबाला रहा है पहले सुपर सिक्स के मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो विकेट चटाका कर इस खिलाड़ी ने टीम इंडिया को सेमीफाइनल में पहुंचाने में बहुत अहम भूमिका निभाई थी तो जब सेमी फाइनल की घड़ी में हमारे सामने मेजवान अफ्रीका की टीम आई तब तो उन्होंने अपने करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस दिखा दी
पहली पारी में घातक गेंदबाजी करते हुए इस खिलाड़ी ने अफ्रीका के तीन बल्लेबाजों को अपनी कातिलाना गेंदो का शिकार बनाया उसी का नतीजा था कि 50 ओवर में साउथ अफ्रीका की टीम केवल 244 रन बना पाई तो फिर जब बल्लेबाजी में टीम इंडिया हार के कगार पर थी भारत को 13 गेंद पर 16 रन बनाने थे तब बल्लेबाजी करने राज लिंबानी आते हैं और आते ही उन्होंने एक ऐसा तूफानी छक्का लगाया जिसने पूरे मैच का रुख पलट दिया . . उनका वह सिक्स ही था जिसने टीम इंडिया की जीत की नींव बिछाई और जब आखिर में टीम इंडिया जीत से केवल दो रन दूर रह गई थी तब राज लिंबानी ने बेहतरीन चौके से युवराज सिंह के अंदाज में न केवल मुकाबले को भारतीय टीम की झोली में डाला बल्कि हमें बड़ी ही शान से सेमीफाइनल में पहुंचाया.
यानी कि पहले सेमीफाइनल में तीन विकेट चटका तो फिर 4 गेंद पर 325 के भयंकर स्ट्राइक रेट से 13 रन बनाकर उन्होंने दिखा दिया कि आखिर क्यों उन्हें दूसरा युवराज सिंह माना जा रहा है उनकी इसी लाजबाव परफॉर्मेंस के चलते उनकी तुलना लीजेंडरी युवराज सिंह से होने लगी है और उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला है आखिर हो भी क्यों ना यहां तक पहुंचने का उनका सफर अंगारों पर चलने से काम नहीं था.. बचपन में अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ने के लिए लिमबानी को हर रोज 45 किमी का सफर करना पड़ता था हालांकि क्रिकेट के लिए उन्होंने 12 साल की उम्र में घर छोड़कर वड़ोदरा शिफ्ट होने का फैसला किया.
वडोदरा में जहां लिमबानी रहते थे वहां से उनका क्रिकेट क्लब 14 किमी दूर था उनके पास बस में सफर करने के पैसे नहीं होते थे ऐसे में वह साइकिल से आना जाना करते थे लेकिन उन्होंने दिखा दिया यदि कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो पूरी दुनिया आपके सामने झुकने पर मजबूर हो जाती है और उनकी इस वर्ल्ड कप की यही परफॉर्मेंस इसका जीता जागता सबूत है.