Under 19 World Cup: क्रिकेट की दुनिया में जब भी बेस्ट फिनिशर की बात होती है तो जुबा पर धोनी का नाम सबसे पहले आता है भारतीय क्रिकेट टीम को तीन आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले एम एस धोनी ने अपनी शानदार बल्लेबाजी और सूझबूझ भरी कप्तानी के दम पर टीम इंडिया को कई मैच और खिताब जीताए धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया T20 वर्ल्ड कप वनडे वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियनशिप ट्रॉफी अपने नाम करने में सफल रही है हालांकि धोनी के संन्यास लेने के बाद टीम एक भी आईसीसी का खिताब नहीं जीत सकी है.
जिसकी सबसे बड़ी वजह अंतिम छड में मैच फिनिश नहीं करना और प्रेशर का होना रही है पिछले साल T20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम बेस्ट फिनिशर खिलाड़ी के अभाव में जूझती हुई नजर आई थी धोनी के संन्यास के बाद दिनेश कार्तिक हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा से फिनिशर खिलाड़ी के तौर पर खेलने की उम्मीद की गई लेकिन धोनी के मुकाबले सभी खिलाड़ी काफी फीके साबित हुए.
टीम इंडिया के लिए करीब 12 साल फिनिशर की भूमिका निभाने वाले धोनी जब तक क्रीज पर खड़े रहते थे तब तक फैंस को मैच जीतने का पूरा भरोसा रहता था “माही है तो मुमकिन है”… यह लाइन धोनी के प्रति उस विश्वास को दर्शाती है जिसे धोनी ने अपनी जबर्दस्त बल्लेबाजी के बलबूते हशील किया था हालांकि धोनी के संन्यास के बाद मुमकिन जैसा शब्द मानो कई सालों से गायब नजर आया वहीं पिछले 4 साल से दूसरे धोनी की तलाश में टीम इंडिया किया खोज अब पूरी होती नजर आ रही है दरअसल हम जिस दूसरे धोनी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के युवा अंदर-19 विकेटकीपर बल्लेबाज सचिन दास है सचिन दास फिलहाल अंडर 19 विश्व कप खेल रहे हैं सचिन दास का पूरा नाम सचिन संजय दास है उनका जन्म 3 फरवरी 2005 को महाराष्ट्र के बीड शहर में हुआ था.
सचिन के पिता का नाम संजय दास और माता का नाम सुरेखा दास है सचिन की मां सुरेखा दास एक पुलिस इंस्पेक्टर हैं और वह नहीं चाहती थी कि उनका बेटा क्रिकेटर बने लेकिन सचिन के पिता हमेशा अपने बेटे को भारतीय क्रिकेट टीम में खेलते हुए देखना चाहते थे सचिन के पिता संजय दास को क्रिकेट देखना और खेलना बेहद पसंद है उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में खूब क्रिकेट खेला है.
A crucial 96 after walking in to bat at 32/4 🙌
Sachin Dhas’ knock was instrumental in India’s victory in the semi-final 👏#U19WorldCup pic.twitter.com/SGlP7bLBJ8
— ICC (@ICC) February 6, 2024
वह सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बहुत बड़े प्रशनसक थे सचिन के पिता ने सचिन तेंदुलकर से प्रेरित होकर अपने बेटे का नाम सचिन रखा था सचिन दास के जीवन की सबसे बड़ी अनसुनी कहानी यह है कि उनके पिता अपने बेटे के सही ट्रेनिंग देने के लिए पैसे उधार लेकर बेटे के लिए टर्फ विकेट तैयार किया जिस पर सचिन बल्लेबाजी कर सके उनके पिता सच में चाहते थे कि उनका बेटा एक बहुत बड़ा क्रिकेटर बने.
लेकिन आपको बता दे सचिन दास इस बार अफ्रीका में हो रहे अंदर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन दिखा रहे हैं इस टूर्नामेंट में उन्होंने सिर्फ 6 मैंचो में 294 रन बनाए हैं इस वर्ल्ड कप में उन्होंने नेपाल के खिलाफ सुपर सिक्स मैच में शानदार शतक लगाया था उसे मैच में उन्होंने 101 गेंद में 116 रनों की शानदार पारी खेली थी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने महत्वपूर्ण 96 रन बनाए लेकिन वह अपने शतक से चूक गए सचिन दास ने सेमीफाइनल मैच में अफ्रीका के खिलाफ उदय सहारा के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी कर भारत को अंदर-19 के फाइनल में पहुंचा दिया.
इसके बाद सचिन दास का पूरे क्रिकेट जगत में खूब डंका बज रहा है हर कोई इस खिलाड़ी को बेहद प्यार दे रहा है इतना ही नहीं सचिन दास विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका टीम इंडिया के अंदर-19 में निभाते हैं इसलिए उनकी तुलना अब महेंद्र सिंह धोनी से की जा रही है हर कोई इस खिलाड़ी को दूसरा महेंद्र सिंह धोनी बता रहा है.
अब हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि सचिन दास को बहुत जल्द इंडियन टीम के सीनियर टीम में जगह दी जाए और यह महेंद्र सिंह धोनी की कमी को पूरा करेंगे तो सबसे दिलचस्प बात यह है कि सचिन दास को कितना वक्त लगेगा भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने के लिए.